खौफ के जब से हम हवाले हुए /
जैसे हम खुद पे लटके ताले हुए //
फिर रही है दुआएं भूखी-सी /
देवताओं के तौर काले हुए //
कैसे सच बोले आईना हमसे ,
आईनों की जुबां पे छाले हुए //
यूँ सियाहपोश कर दिया सूरज ,
धुंध की शक्ल में उजाले हुए //
कुछ तो आँचल की ओट में था ' दिया '
कुछ इवा भी थी लौ संभाले हुए //
खून में भीगती रहेगी सदी
कह रहे हैं शिगाफ डाले हुए //
आज मजहब से मिलके ये पूछें /
वख्त की कैसे झुक गयी आँखें //
इक मरा लफ्ज़ हाथ में लेकर ,
हम दरिंदो पे कब तलक सोचें //
रौशनी पे अँधेरा भारी है /
हादसों की ज़बान में गर बोले //
ज़ुल्म की उम्र लगती है लम्बी
अमन पर पड़ा इक कफ़न देखें //
दूब की तरह तुम रहो ऐ ' स्वदेश '
लोग जो चाहे तुम्हे वो समझे //
जैसे हम खुद पे लटके ताले हुए //
फिर रही है दुआएं भूखी-सी /
देवताओं के तौर काले हुए //
कैसे सच बोले आईना हमसे ,
आईनों की जुबां पे छाले हुए //
यूँ सियाहपोश कर दिया सूरज ,
धुंध की शक्ल में उजाले हुए //
कुछ तो आँचल की ओट में था ' दिया '
कुछ इवा भी थी लौ संभाले हुए //
खून में भीगती रहेगी सदी
कह रहे हैं शिगाफ डाले हुए //
आज मजहब से मिलके ये पूछें /
वख्त की कैसे झुक गयी आँखें //
इक मरा लफ्ज़ हाथ में लेकर ,
हम दरिंदो पे कब तलक सोचें //
रौशनी पे अँधेरा भारी है /
हादसों की ज़बान में गर बोले //
ज़ुल्म की उम्र लगती है लम्बी
अमन पर पड़ा इक कफ़न देखें //
दूब की तरह तुम रहो ऐ ' स्वदेश '
लोग जो चाहे तुम्हे वो समझे //
From Aha ! Zindgi jan 09
ReplyDeleteaha zindigi me chuni hui badhiya rachnaaein padhne ko milteen hain...shukriya is sundar rachna ke liye :)
ReplyDeleteयूँ सियाहपोश कर दिया सूरज ,
ReplyDeleteधुंध की शक्ल में उजाले हुए ..khoob !
Dhanyavaad !!
ReplyDeleteAaj phir aankhein bhar aayi hai
ReplyDeleteunki yaad taza ho aayee hai
Taaj ka ghaaw abhi bhi taaza hai
CST me ghayal family abhi bhi muaavzaa
ko taras rahe hai
aise me peepli live vaakai live hi hai
leopold me baitha coffee pi rahaa hun mein
log yahaan aate hai , ab shaukh se nihaarne !
chand cup kharidte hain aur chale jaate hain !!
fir sabkuch bhul jine ki zaddojahad me lag jaate hai