(1)
कुछ कदमों के फासले थे,
रह गया इधर मैं, उधर तुम
ज़माना बीच में खडा कहता रहा
हारा मैं, जीत गए तुम !
(2)
खामोश सी थी जिंदगी
हम भी चुप से रह गए
तुम ने चुप्पी तोड़ दी
और फासले फिर बढ़ गए !
(3)
कुछ बातें ..........................
कुछ किस्से......................
कुछ लम्हे .........................
कुछ यादें ..........................
...........................और मैं था !
..........................और तुम थे!
कितनी बातें ......................
कितने किस्से ...................
कुछ चाहे ...........................
कुछ अनचाहे ....................
..........................कहीं मैं था!
.........................कहीं तुम थे!
किसकी बातें .....................
किसके किस्से ..................
कितने पुराने ....................
कितने अनजाने ...............
.........................क्यों मैं था?
........................क्यों तुम थे?
बहुत अच्छा संबंध है।
ReplyDeleteकुछ कदमों के फासले थे,
ReplyDeleteरह गया इधर मैं, उधर तुम
ज़माना बीच में खडा कहता रहा
हारा मैं, जीत गए तुम ..
Lovely lines
.
अच्छी अभिव्यक्ति.....आभार !
ReplyDeleteNice!!
ReplyDeleteawesome lines !!
ReplyDeleteदिल से कहीँ गहरे मे उपजे ह्ये जज़्बातों की सुन्दर रचना
ReplyDeleteशुभकामनायें।