चलो यूँ ही सही...
Tuesday, September 28, 2010
यों ही खिल जाए मेरे लब पे वो हंसी की तरह - मनु गौतम
वो मेरी सांस में घुलता है जिंदगी की तरह
वो जो मिलता है मुझसे एक अजनबी की तरह
उसकी यादें भी उतर आती है बारिश जैसे
उसका गम आँख में पलता भी है मोती की तरह
यों ही वो ज़िक्र करे और मुझे हिचकी आये
यों ही खिल जाए मेरे लब पे वो हंसी की तरह
Newer Posts
Older Posts
Home
Subscribe to:
Posts (Atom)