जिंदगी क्यों किसी पे भारी है
गम की दुनिया ख़ुशी पे भारी है
मेरा हुम्दुम है प्यार का दरिया
वो मेरी तिश्नगी पे भारी है
मैं भी सूरज हूँ इस ज़माने का
तू मेरी रौशनी पे भारी है
खुदाश्नाशी का एक लम्हा भी
एक पूरी सदी पे भारी है
इस जामाने का ये करिश्मा है
जिंदगी आदमी पे भारी है
बात उलटी है दौर-इ हाज़िर की
तीरगी रौशनी पे भारी है
सारथि दर्द का खफा होना
क्यों तेरी जिंदगी पे भारी है
गम की दुनिया ख़ुशी पे भारी है
मेरा हुम्दुम है प्यार का दरिया
वो मेरी तिश्नगी पे भारी है
मैं भी सूरज हूँ इस ज़माने का
तू मेरी रौशनी पे भारी है
खुदाश्नाशी का एक लम्हा भी
एक पूरी सदी पे भारी है
इस जामाने का ये करिश्मा है
जिंदगी आदमी पे भारी है
बात उलटी है दौर-इ हाज़िर की
तीरगी रौशनी पे भारी है
सारथि दर्द का खफा होना
क्यों तेरी जिंदगी पे भारी है
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