चलो यूँ ही सही
ये दिन भी गुज़र जायेगा ही
अँधेरा अब तलक है तो क्या गम है
उजाला आयेगा ही
वो चाहत अपनी न रही , सही लेकिन
दीवाना गायेगा ही
छोडो लम्हा लम्हा जीया करेंगे अब
जीवन संभल जायेगा ही
पर जो यादें बस चुकी है ज़ेहन में
पल-पल तो पिघलायेगा ही !
No comments:
Post a Comment